“मैं तुम से सच सच कहता हूँ की जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु किसी दूसरी ओर से चढ़ जाता हैं, वह चोर और डाकू हैं। परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता हैं वह भेड़ों का चरवाहा हैं। उसके लिए द्वारपाल द्वार खोल देता हैं, और भेड़े उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले लेकर बुलाता हैं और बाहर ले जाता हैं। जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता हैं, तो उनके आगे आगे चलता हैं, और भेड़े इसके पीछे पीछे हो लेती हैं, क्योंकि वे उसका शब्द पहचानती हैं। परन्तु वे पराएँ के पीछे नहीं जाएँगी, परन्तु उससे भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानती। यीशु ने उनसे यह दृष्टांत कहा, परन्तु वे न समझे की ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता हैं।” –यूहन्ना १०: १-६।
हम पद ६ से यह सीखते हैं, की यह दृष्टांत कुदरती आँखों के लिए कठिन और गहरा हैं: “वे न समझे की ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता हैं।” तो फिर, मुझे पवित्र आत्मा के नए बप्तिस्मा की कितनी आवश्यकता हैं, जबकी मैं इसे आपके लिए छोड़ता हूँ! और तुझे क्या आवश्यकता हैं, की तू अपने हृदय पर से ढके हुए मुख को नाश करे, और वह जो पवित्र हैं उसकी क्रिया को ग्रहण करे, जिस से तू सब कुछ जान ले!
१. चोर और डाकू
२. अच्छा चरवाहा
लेखक | आर.एम. एम'चेने R.M. M'Cheyne |
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