दिल न केवल इंसान के शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा है बल्कि व्यक्तियों के समग्र स्वास्थ्य से भी जुड़ा है । काफी समय पहले, पुराने बुद्धिमानों ने हमें सलाह दी है, कि सभी चीजों की स्रोत मानव हृदय है। उन्होंने हमें पहले से सचेत किया, “सबसे अधिक अपने दिल की रक्षा करो; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है”…हे मेरे पुत्र, तू सुनकर बुद्धिमान हो, और अपना मन सुमार्ग में सीधा चला” [नीतिवचन ४:२३; २३ : १९] ।